name='viewport'/> link rel=“canonical”href=“https://ahiredeepak.blogspot.com/” /> स्व-काव्यांकुर (SWA-KAVYANKUR): कुणी ठरवावं....

कुणी ठरवावं....

कुणी ठरवावं...  

कुणी ठरवावं                  
कुणासाठी झुरावं,           
आता आपल्याला           
कुणीतरी पहावं...         

कुणी ठरवावं
का अडकावं, 
सावध हाेवूनी
ध्यानस्थ गावं.... 

कुणी ठरवावं                 
आपलं वागणं,               
स्वार्थासाठी जाे ताे          
मुळावर उठणं...             

कुणी ठरवावं
का फिरावं, 
आपल्याच मनाला
का मारावं...
© दीपक अहिरे, नाशिक

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